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लेखनी प्रतियोगिता -28-Feb-2022 जिंदगी

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ये चंचल सा दिल---
क्यों भर आता है,
इसके भर जाने से ,---
आंखों में पानी क्यों आता है,

एक अनजानी सी---
हलचल का एहसास कराता है,
रोकना चाहते हैं ---
छलकते आंसुओं को---
यह जो आंसुओं का सैलाब है ---
रुक नहीं पाता है,

यह चंचल सा दिल ---
क्यों भर जाता है,
एक अनजानी हलचल का---
एहसास कराता है,
शिकायत तो नहीं है जिंदगी तुझसे---
तेरे आंचल  की छांव मे ---
सुकून भी तो पाया है,
कर्जदार है‌ तेरी रहमत के हम---
जिंदगी तेरी ठोकर ने भी हमको---
सही रास्ता दिखाया है,

तेरी आंचल की छांव में रहकर---
हर मोड़ पर, अनुभव नया पाया है,
यह तेरा उपकार है मुझ पर ---
यह अनुभव, मैंने तुझसे ही तो पाया है, 
      जिंदगी तेरे आंचल की छांव में---
सुकून जी भर के पाया है,
संगीता वर्मा✍✍


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6 Comments

Seema Priyadarshini sahay

01-Mar-2022 06:20 PM

बहुत खूब

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Shrishti pandey

01-Mar-2022 09:41 AM

Nice

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Punam verma

01-Mar-2022 09:02 AM

Nice

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